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ज्योतिराव फुले - समाज सुधारक

महान समाजसुधारक: ज्योतिराव गोविंदराव फुले

भारत के पहले नारी शिक्षा प्रसारक और अस्पृश्यता एवं जाती प्रथा के उन्मूलन के पुजार

परिचय

ज्योतिराव गोविंदराव फुले (11 अप्रैल 1827 - 28 नवंबर 1890) महाराष्ट्र के पुणे जिले में जन्मे थे। उन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था, अस्पृश्यता और लैंगिक भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाई। उनकी जीवन यात्रा ने समाज सुधार के कई आंदोलनों की नींव रखी।

प्रमुख उपलब्धियाँ

  • 1848 में भारत की पहली भारतीय लड़की स्कूल की स्थापना
  • 1873 में सतारका सभा की स्थापना
  • अस्पृश्यता उन्मूलन हेतु समाज संघर्ष
  • महिलाओं के प्रति मनोवैज्ञानिक व शैक्षिक समर्थन

समयरेखा

1827

जन्म - शिलोगिरी, पुणे

1848

पहली बालिका विद्यालय की स्थापना

1851

सती प्रथा का विरोध

1873

सतारका सभा की स्थापना

1890

मृत्यु - पुणे

प्रेरणादायक उद्धरण

"शिक्षा के बिना समाज का कोई विकास नहीं।"
"जाति व्यवस्था मनुष्य की दुर्दशा है।"
"महिलाओं को सशक्त करना समाज को सशक्त करना है।"
© 2025 Jyotirao Phule Tribute

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